दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और केंद्र की मोदी सरकार के बीच में पिछले काफी समय से टकराव होता आया है. और इस बार टकराव की वजह बनी है केंद्र सरकार की बहुचर्चित स्कीम आयुष्मान भारत.
आयुष्मान भारत 25 सितंबर को देशभर में लॉन्च होगी. इस योजना के तहत करीब देश के 10 करोड़ परिवारों को लाभ मिलेगा. लेकिन इस योजना के जमीन पर उतरने से पहले ही विवाद होता नज़र आ रहा है. और ये विवाद कहीं ओर नहीं बल्कि देश की राजधानी दिल्ली में ही है.
राजधानी दिल्ली में योजना के तहत करीब 20 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा. योजना का पूरा नाम ‘आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’है, लेकिन दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की मांग है कि इस योजना का नाम प्रधानमंत्री नहीं बल्कि मुख्यमंत्री के नाम पर रखा जाए. दिल्ली सरकार की मांग है कि योजना का नाम ‘मुख्यमंत्री आम आदमी स्वास्थ्य बीमा योजना-आयुष्मान भारत’ रखा जाए. हालांकि, अभी केंद्र की ओर से इस मुद्दे पर यही कहा जा रहा है कि पहले योजना की शुरुआत करने पर ध्यान दिया जाए, बाकी चीज़ों को बाद में देख लिया जाएगा.
हालांकि, दोनों सरकार में विवाद के बस ये ही एक जड़ नहीं है. दिल्ली सरकार की मांग है कि इस योजना में 50 लाख लोगों का नाम और जोड़ा जाए. जबकि केंद्र का तर्क है कि इस योजना का संचालन 2011 की जनगणना के अनुसार हो रहा है, जिसके तहत राजधानी में 20 लाख लोगों का ही नाम आता है.
आयुष्मान भारत को दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ प्लान स्कीम बताया जा रहा है. जिसके तहत करीब 50 करोड़ लोगों को सीधा फायदा पहुंचेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लालकिले से इसका ऐलान किया था, 25 सितंबर से ये स्कीम धरातल पर लागू होगी. इस स्कीम के तहत हर परिवार को सालाना तौर पर 5 लाख रुपए तक का कवर मिलेगा. यानी 1 रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक के इलाज गरीब परिवारों के लिए मुफ्त में किए जाएंगे. बताया जा रहा है कि अभी ये इस योजना का पहला चरण ही है. इस मामले में Delhi’s Director-General of Health Services (DGHS) के डॉ. कीर्ति भूषण का कहना है कि दिल्ली सरकार ने इस स्कीम में कुछ चीजें जोड़ने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें लोगों की संख्या बढ़ाना भी शामिल है.