आपके पास इंश्योरेंस प्लान है और कंपनी के पास आपने अपना मोबाइल नंबर दर्ज करा रखा है तो इंश्योरेंस कंपनी आपके पॉलिसी डॉक्यूमेंट से लेकर हर प्रकार की जानकारी आपको कॉल से या व्हाट्सएप के जरिये दे सकती हैं। मौजूदा समय में हजारों पॉलिसी धारक इसका फायदा भी उठा रहे हैं। बीमा कंपनियों ने बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) से मांग की है कि सभी कंपनियों के लिए मोबाइल नंबर को शामिल करने को अनिवार्य किया जाए।
रिलायंस जनरल के सीईओ राकेश जैन के मुताबिक, जनरल इंश्योरेंस में पॉलिसी होल्डर का मोबाइल नंबर जरूरी किया जाता है तो बीमा कंपनी के साथ पॉलिसी होल्डर को काफी फायदा होगा। उन्होंने ज़ी बिजनेस से बातचीत में कहा कि मोबाइल नंबर के जरिये पॉलिसी होल्डर कंपनी से सीधा जुड़ पाएगा। और फिर पॉलिसी दस्तावेज से लेकर क्लेम तक की सभी प्रकिया की जानकारी पॉलिसी धारक को मोबाइल नंबर पर दी जाएगी। व्हाट्सएप पर इंश्योरेंस कंपनी सभी डॉक्यूमेंट भेज सकती है।
राकेश जैन ने बताया कि मोबाइल नंबर से पॉलिसी होल्डर की पुष्टि करना आसान हो जाता है। सही मोबाइल नंबर से क्लेम सेटलमेंट प्रकिया आसान होती है। और जिन ग्राहकों का नंबर कंपनी के पास है, उन तक कंपनियां आसानी से पहुंच बना पाती हैं। इसके अलावा म्युचुअल फंड और बैंक अकाउंट में मोबाइल नंबर जरूरी होता है। कई कंपनियां पॉलिसी डॉक्यूमेंट और क्लेम प्रकिया मोबाइल ऐप के जरिए ही करती हैं।
ऐसे में यह भी उम्मीद की जा रही है कि ग्राहक का मोबाइल नंबर ही उसका इंश्योरेंस नंबर हो जाएगा। इसका दूसरा फायदा यह होगा कि ग्राहक के सही मोबाइल नंबर से क्लेम सेटलमेंट प्रकिया आसान हो जाती है। दरअसल जिन ग्राहकों का नंबर कंपनी के पास होता है उन तक कंपनी की पहुंच आसानी से हो जाती है। जिन ग्राहकों का मोबाइल नंबर पॉलिसी में दर्ज नहीं होता, उनके क्लेम में कई बार परेशानी आती है। म्युचुअल फंड और बैंक अकाउंट में मोबाइल नंबर को पहले ही जरूरी किया जा चुका है।