हम सभी अपने निर्दिष्ट गंतव्य तक पहुंचने के लिए रेल में यात्रा करते हैं। कभी-कभी अपना कुछ सामान रेलवे के द्वारा किसी अन्य स्थान पर भी भेजते हैं। अक्सर तो नहीं परन्तु कभी कभार हमारे साथ ऐसी अनहोनी घटना घट सकती है कि यात्रा के दौरान हमारा सामान कोई चोर चुराकर ले जाता है या हमारा वह सामान, जो कि हमने रेलवे सेवा से भेजा था, वह अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाता है तो उन हालात में हमारे पास क्या विकल्प होते हैं और अपना सामान वापिस पाने के लिए क्या कर सकते हैं, इसको जानने के लिये ही हम निम्नलिखित जानकारी दे रहे हैं। कृपया अपने अधिकार को जानिये और आवश्यकता पड़ने पर इसको प्रयोग करें।-
उपभोक्ता फोरम के जानकार एडवोकेट बताते हैं कि रिजर्वेशन के दौरान यात्री से 2 रुपए सुरक्षा शुल्क लिया जाता है। इधर ट्रेन में स्लीपर कोच यात्री को दिया जाता है, जिसके बाद यह तय होता है कि आपने उसे ट्रेन में सोने का अधिकार दिया है और इस दौरान जो भी घटना होती है, उसका जिम्मेदार रेलवे ही होगा। ट्रेन के स्लीपर या एसी कोच में यात्रा करते समय यात्री का सामान चोरी होता है तो शिकायत दर्ज करते वक्त उससे उपभोक्ता फोरम का फार्म भरवाया जाता है। यदि 6 माह तक पुलिस उसका सामान नहीं तलाश पाती तो वह फार्म की कॉपी ले जाकर उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज कर सकता है, जहां पर रेलवे को पीड़ित का हर्जाना देना होगा।
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-दिनेश शर्मा!! गुड़गाँव (बीवीसी-295840)