संजय वर्मा/नवादा!! 24 नवम्बर को जिले के 87 केन्द्रों पर अक्षर आंचल योजना का महापरीक्षा होगी जिसकी तैयारियां पूरी हो चुकी है। शिक्षा विभाग के साक्षरता संभाग द्वारा परीक्षा के लिए सारे इंतजाम किए गए हैं। साक्षरता के लिपिक राजकुमार शर्मा ने बताया जिले के 132 संकुल संसाधन केन्द्रों में से 87 केन्द्रों पर महापरीक्षा आयोजित होगी। रविवार के बावजूद संबंधित केन्द्र के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों को उपस्थित रहना होगा। परीक्षा में 15 से 45 वर्ष की नवसाक्षर महिलाएं भाग लेगी। नवसाक्षर महिलाओं को पिछले एक वर्ष के दौरान 630 केन्द्रों पर साक्षर किया गया है। 11 हजार 60 नवसाक्ष महिलाएं परीक्षा में शामिल होगी। बिहार राज्य शिक्षा सेवक संघ के संरक्षक सह जिलाध्यक्ष मुकेश मांझी ने बताया जिले में 470 टोला सेवक एवं 160 तालिमी मरकज केन्द्र संचालित है। जिले में कुल 630 केन्द्र के नवसाक्षर महिलाओं को परीक्षा में हिस्सा लेना है। पूर्व के वर्षों में प्रत्येक छह माह पर महापरीक्षा आयोजित होती थी लेकिन इस वर्ष पहली बार परीक्षा होने वाली है।
जिलाध्यक्ष ने कहा तीन माह से शिक्षा सेवकों को मानदेय भुगतान नहीं हुआ है। सभी शिक्षा सेवक भूखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। मंहगाई के अनुसार शिक्षा सेवकों का मानदेय काफी कम है। शिक्षा विभाग के अन्य कर्मियों की तरह सुविधाएं नहीं मिल रही है। अनुकम्पा,सर्विस बुक,अभ्यास पुस्तिका की जरूरत है। इन सब के बावजूद शिक्षा सेवक पूरी तत्परता से अने कर्तव्यों का निर्वहन करने में लगे हैं।
मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना से असाक्षर महिलाओं को किया जाता है साक्षर। मुख्यमंत्री हादलित, दलित, अत्यंत पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक अक्षर आंचल योजना के तहत 15 वर्ष से 45 वर्ष की असाक्षर महिलाओं को साक्षर करने की योजना पिछले सात वर्षों से जिले में संचालित हो रही है। शिक्षा सेवकों द्वारा असाक्षर महिलाओं को छह महीने तक चयनित मध्य विद्यालय में विद्यालय संचालन के बाद पढ़ाई कराया जा रहा है।